काशी के तर्ज पर बाबा आनंदेश्वर धाम का कायाकल्प होगा। बाबा विश्वनाथ कारीडोर की तरह यहां भी विकास की गंगा बहेगी। भव्य मुख्य द्वार बनेगा। मां भागीरथी की आरती के लिए तट पर विशाल आरती स्थल भी बनाया जाएगा। स्मार्ट सिटी योजना के तहत परमट को विकसित किया जाएगा। मंदिर के इतिहास के बारे में जानकार बताते हैं कि यहां पर राजा कौशल ने खुदाई करवायी थी, जहां पर आज मन्दिर का शिवलिंग विराजमान है।सांसद सत्यदेव पचौरी ने मंगलवार को परमट स्थित बाबा आनंदेश्वर धाम का निरीक्षण किया। उन्होंने क्षेत्रीय पार्षद, क्षेत्रीय लोगों व दुकानदारों से बातचीत की। कहा कि बाबा आनंदेश्वर महाराज की प्रेरणा से काशी की तर्ज पर यहां का कायाकल्प किया जाएगा। उन्होंने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अधिकारियों को ठोस कार्ययोजना बनाकर जल्द कार्य शुरू करने का निर्देश दिया।
छोटे काशी के नाम से पुकारा जाता है
ग्रामीणों ने शिवलिंग को गंगा जल और दूध से स्नान करा कर गंगा किनारे स्थापित किया। बदलते वक्त के साथ बाबा आनंदेश्वर का यह मंदिर भव्य बनता चला गया। इस मंदिर को भक्त छोटे काशी के नाम से भी पुकारते हैं। ऐसा कहा जाता है कि भगवान शिव यहां पर स्वयं निवास करते हैं, यहां पर आने वाले भक्तों के भगवान के दर्शन मात्र से सभी दुःख दर्द मिट जाते हैं। यहां पर खासकर शिवरात्रि और सावन के महीने में देश-विदेश से लेकर बड़े-बड़े व्यापारी और आम जनमानस का समूह उमड़ता है।