भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार (8 जून) को भारत की मौद्रिक नीति को लेकर एलान किया है। इस बार भी रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया गया है, यानी रेपो रेट 6.50 फीसदी पर स्थिर है। आरबीआई ने कई सेगमेंट के नियमों में सुधार और संशोधन के लिए 8 अतिरिक्त उपायों की घोषणा की है। इन उपायों में ई-रूपी वाउचर के दायरे और पहुंच का विस्तार करना और विदेश यात्रा करने वाले भारतीयों के लिए भुगतान ऑप्शन का विस्तार करने के लिए बैंकों द्वारा रुपे प्रीपेड फॉरेक्स कार्ड जारी करने की अनुमति देना शामिल है। आइए जानते हैं कि आरबीआई ने कौन से 8 अतिरिक्त उपायों की घोषणा की है-
1- इस बार यह फैसला लिया गया है कि अनुसूचित कमर्शियल बैंक ( स्मॉल फाइनेंस बैंकों को छोड़कर) इंटर-बैंक उधार लेने वालों के लिए अपनी सीमा निर्धारित कर सकते हैं।
2- सहआकारी बैंकों के लिए आरबीआई ने बड़ा कदम उठाया है। सहकारी बैंक के एनपीए को कम करने के लिए उपाय कर सकता है। आरबीआई ने स्ट्रेस्ड एसेट्स के समाधान के लिए फ्रेमवर्क को चौड़ा करने का फैसला किया है। इस फैसले के तहत सहकारी बैंक सहित सभी विनियमित संस्थाएं अब समझौता निपटान और एनपीए को कम करने में सक्षम होगी।
3- रिज़र्व बैंक ने अगस्त/सितंबर 2022 में डिजिटल लोन देने के लिए एक फ्रेमवर्क जारी किया। आरबीआई ने डिजिटल लोन देने में डिफ़ॉल्ट हानि गारंटी व्यवस्था पर दिशानिर्देश जारी करने का फैसला लिया है। आरबीआई के अनुसार, यह डिजिटल लोन देने के सिस्टम का विकास करेगा।
4- रिज़र्व बैंक ने यूसीबी (शहरी सहकारी बैंक) क्षेत्र को मजबूत करने के साथ-साथ वित्तीय समावेशन को गहरा करने के लिए हाल के साल में कई पहल की हैं। इस तरह की पहलों में 2020 में यूसीबी के लिए लोन लक्ष्यों का संशोधन शामिल है।
5- पिछली बार मार्च 2006 में फेमा के तहत जारी प्राधिकृत व्यक्तियों (AP) के लिए लाइसेंसिंग फ्रेमवर्क की समीक्षा की गई थी। आरबीआई ने तेजी से बढ़ती भारतीय अर्थव्यवस्था की उभरती आवश्यकताओं के लिए लाइसेंसिंग फ्रेम को आसान बनाने का फैसला लिया है।
6- आरबीआई ने गैर-बैंक प्रीपेड भुगतान उपकरणों (पीपीआई) के तौर पर ई-रूपी वाउचर जारी करने की अनुमति दे दी है। इस फैसले का उद्देश्य ई-रुपे डिजिटल वाउचर के लाभों को यूजर्स तक पहुँचाना और देश में डिजिटल भुगतान को मजबूत करना है।
7- आरबीआई गवर्नर ने भारत बिल भुगतान प्रणाली (बीबीपीएस) अगस्त 2017 से चालू है। बीबीपीएस का दायरा दिसंबर 2022 में और बढ़ा दिया गया था। ऑप्रेटिंग यूनिट के लिए लेनदेन और सदस्यता मानदंड को बढ़ाया गया है।
8- भारत में बैंकों द्वारा जारी रुपे डेबिट और क्रेडिट कार्ड विदेशों में अधिक ज्यादा चल रहे हैं। अब बैंकों द्वारा रुपे प्रीपेड फॉरेक्स कार्ड जारी करने की अनुमति देने का फैसला लिया गया है। इससे विदेश यात्रा करने वाले भारतीयों के लिए भुगतान ऑप्शन बढ़ेंगे।