काका महाजनी, धुमाल वकील, श्रीमती निमोणकर, नासिक के मुले शास्त्री, एक डाँक्टर के द्घारा बाबा की लीलाओं का अनुभव ।
इस अध्याय में बाबा किस प्रकार भक्तों से भेंट करते और कैसा बर्ताव करते थे, इसका वर्णन किया गया हैं ।हम देख चुके है कि ईश्वरीय अवतार का ध्येय साधुजनों का परित्राण और दुष्टों का संहार करना है । परन्तु संतों का कार्य तो सर्वथा भिन्न ही है । सन्तों के लिए साधु और दुष्ट … Read more