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22/11/2024 7:49 am

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जिंदगी में आशा और निराशा ,अपेक्षा और उपेक्षा,जिंदगी में कभी कभी चिंतन को बदल देती है।

ठोकर शोभित चिंतन को जाग्रत कर देती है,वजह विनम्रता जरूरी भी है,विनम्रता आभूषण है व्यक्तित्व का। अधिकांश होता है यह हैं कि विनम्रता और आदर के चक्कर मे हम अपनी ही उपेक्षा करने लगते है, आकक्षा दूसरे की बढ़ जाती है। हम खुद गुम हो जाते है। इसलिए कभी कभी नजरंदाज कर देना उपेक्षा को … Read more