हाईकोर्ट ने GST कमिश्नर को आदेश दिया है कि वह GST कमिश्नरेट, लखनऊ के लिए स्पष्ट दिशानिर्देश जारी करें कि विधिक सेवा के लिए वकीलों को सर्विस टैक्स/जीएसटी के भुगतान के सम्बंध में नोटिस न जारी कि जाएं। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने जीएसटी कमिश्नर को आदेश दिया है कि वह जीएसटी कमिश्नरेट, लखनऊ के लिए स्पष्ट दिशा निर्देश जारी करें कि विधिक सेवा के लिए वकीलों को सर्विस टैक्स/जीएसटी के भुगतान के सम्बंध में नोटिस न जारी कि जाएं।एं यह आदेश न्यायमूर्ति आलोक माथुर व न्यायमूर्ति ज्योत्स्ना शर्मा की अवकाशकालीन खंडपीठ ने अधिवक्ता पंकज खरे की टैक्स सम्बंधी याचिका पर पारित किया।याची ने डिप्टी कमिश्नर सीजीएसटी, लखनऊ-1 के द्वारा जारी 22 मई 2023 के नोटिस को चुनौती दी थी। इसमेंयाची सेटैक्स व ब्याज मिलाकर कुल 3,32,651 रुपयेका भुगतान करनेको कहा गया था। याची की ओर सेदलील दी गई कि उक्त नोटिस अविधिक और मनमानी है। कहा गया कि 20 जून 2012 की अधिसूचना के तहत अधिवक्ता सेसर्विस टैक्स की वसूली नहीं की जा सकती। हालांकि सुनवाई के दौरान सीजीएसटी/सेंट्रल एक्साइज के अधिवक्ता नेन्यायालय को बताया कि 6 जून 2023 को याची के विरुद्ध उक्त नोटिस के सम्बंध मेंजारी प्रक्रिया को निरस्त किया जा चुका है