रामनगर, बाराबंकी। एक तरफ देश के यशस्वी पीएम नरेद्र मोदी व पूरी दुनिया में सुशासन का डंका बुलंद कर रहे सीएम योगी आदित्य नाथ की छवि भ्रष्ट हुई व्यवस्था में जहां दागदार हो रही है वहीं इनके रामराज्य के स्वप्न की भी व्यवस्था बखिया उधेड़ रहा है। जिसका नजारा एक बार फिर उस समय सामने आया जब एक मामले में मुकदमा दर्ज करने को लेकर राम नगर पुलिस द्वारा रिश्वस की मांग की गई। जिसमें पीड़ित द्वारा रिश्वत देते हुए का वीडिया सोशल मीडिया पर एक बार फिर वायरल हो पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा गया कि आज भी आजादी के 76 वर्ष बाद भी रवैय्या अंग्रेजों के जमाने वाली पुलिस का ही है कि अपनी शिकायत दर्ज कराना बगैर रिश्वत दिए असंभव नहीं तो मुश्किल जरूर हो गया है।बताते चले खाकी पर जनपद में लगातार रिश्वत खोर दाग लगाने में तुले हुए हैं। जहां मंगलवार को एक ग्रामीण ने पुलिस पर अवैध कब्जेदारों के खिलाफ केस वापस लेने को लेकर सुलह कराने के नाम पर उसे बुरी तरह मारा पीटा और रूपए छीन लिए जिसकी शिकायत पीड़ित ने एसपी से की तो दूसरे ही दिन रामनगर पुलिस का रिश्वत लेने का वीडिया वायरल हो गया। अभी कुछ दिन पहले ही पुलिस में आपस मे रिश्वत के बटवारे को लेकर विवाद का मामला भी सामने आया था। लेकिन कई शिकायतोे के बाद भी कार्रवाई मात्र निलंबन पर ही अटकी है। सामने आये मामले में थाना रामनगर के बुढवल शुगर मिल निवासी कबीर अहमद पुत्र स्व. नजीर अहमद की श्किाायत को सच माने तो उसके पड़ोसी असुल हक ने उसके साथ मारपीट की जिसमे उसे काफी चोटें आयी जिसका उसने चिकित्सीय परीक्षण भी करवाया और मुकदमा दर्ज करवाने के लिए रामनगर पुलिस के पास तहरीर लेकर गया लेकिन उसके बताए अनुसार पुलिस ने उससे एक हजाार रूपए इसके एवज में रिश्वत की मांग की। जिसमें रूपए 500 वो पहले दे चुका थाऔर बाकी के 500 रुपए देते हुए का वीडिया सोशल मीडिया पर वायरल हुआ साथ ही इसकी शिकायत भी पीड़ित ने जनसुनवाई द्वारा दर्ज करवायी। वहीं वीडिया वायरल होने पर तेज तर्रार एसपी ने वाकए का संज्ञान ले तत्कार दोनो आरोपी पुलिस जनों को निलंबित करते हुए इसकी जांच सदर सीओ को सुपुर्द कर दी है।