मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्चस्तरीय बैठक में कारागारों की स्थिति की समीक्षा करते हुए कारागार सुधार की दिशा में महत्वपूर्णदिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कारागारों को ‘सुधार गृह के रूप में स्थापित करने की जरूरत जताई और प्रदेश के नए प्रिजन एक्ट तैयार करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने प्रदेश में जल्द ही ओपन जेल स्थापित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में जेल अधिनियम-1894 और कैदी अधिनियम 1900 प्रचलित हैं। यह दोनों अधिनियम आजादी के पूर्व से प्रचलन में हैं, जिसके अनेक प्राविधान बदलते परिवेश एवं बंदियों के पुनर्वासन की सुधारात्मक विचारधारा के अनुकूल नहीं हैं। प्रिजन एक्ट-1894 का उद्देश्य अपराधियों को अभिरक्षा में अनुशासित ढंग से रखने पर केन्द्रित है, लेकिन हमें सुधार एवं पुनर्वासन पर केन्द्रित होना होगा। ऐसे में हमें नए अधिनियम लागू करने की जरूरत है।