त्रिलोकपुर, बाराबंकी। जल स्तर उभरने के लिए प्रदेश सरकार के मुखिया ने अमृत सरोवर के निर्माण पर लाखों रुपए खर्च किए हैं। जिसमें ग्राम प्रधान एवं पंचायत सचिव ने नियम-कानून को ताख पर रखकर खुलेआम आप अनियमितता बरती है। जिसमें एक तरफ ठेकेदारी प्रथा के तहत निर्माण कराया है तो वही गांव के लोगों रोजगार के लिए इधर उधर भटक रहे है। वही अमृत सरोवर बिना पानी के पड़ा हुआ है।जिस कारण पशु पक्षी एवं जल स्तर सुधारने को लेकर सरकार का देखा गया सपना चकनाचूर हो रहा है।
तहसील एवं विकास खण्ड रामनगर की ग्राम पंचायत त्रिलोकपुर के इलाकों में इन दिनों भीषण गर्मी और लू की वजह से मनुष्य पशु पक्षी आवारा मवेशी व्याकुल है। मृगशिरा नक्षत्र में तप रहे सूर्य की भीषण थपेड़ों से संपूर्ण सजीव जगत परेशान है। भीषण गर्मी के कारण तालाब सूखे पड़े हैं। भीषण गर्मी में सूख रहे गले को तर करने का उपाय मनुष्य येन केन प्रकारेण कर सकता है लेकिन पशु पक्षी आवारा मवेशी प्यास से व्याकुल हो इधर उधर तड़प रहे हैं तथा प्यास बुझाने के लिए गांव में सड़कों के किनारे लगे हैंडपंप की टोटियां भी चाट रहे है। हालांकि रामनगर पंचायत त्रिलोकपुर में इन दिनों अमृत सरोवर का कार्य भी खूब जोरों से चल रहा है लेकिन विडंबना यह है कि अधिकांश अमृत सरोवर व जलाशय सूखे पड़े हैं। बताते चलें कि पशु पक्षी संरक्षण एवं संवर्धन पर विशेष बल देने की बातें करने वाली योगी सरकार को जिम्मेदार पलीता दिखते हुए अनियमितता खुलेआम देखने को मिल रही। तालाब का निर्माण गांव के मनरेगा जाबकार्ड धारकों के बजाय ठेकेदारी प्रथा के तहत किया जा रहा है। जबकि गांव के लोग रोजगार के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे है।वही अमृत सरोवर में इतनी धनराशि खर्च के बाद तालाब सूख रहे है। ऐसे तमाम गैर सरकारी संगठन स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा भी अभी तक कोई ठोस कार्य नहीं किया गया है। इस संबंध में जब हमारे संवाददाता ने ग्राम विकास अधिकारी से फोन पर संपर्क किया फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा।