मणिपुर के इंफाल पश्चिम जिले के लाम्फेल इलाके में बुधवार, 14 जून की रात एक मंत्री के घर हमला हुआ. नार्थ ईस्ट टुडे से जुड़ीं अफरीदा हुसैन के मुताबिक राज्य की उद्योग मंत्री नेमचा किपजेन के सरकारी बंगले में कुछ लोगों ने आग लगा दी. ये घटना शाम को करीब साढ़े छह बजे घटी।दूसरे दिन दिनांक 15 जून को एक केंद्रीय विदेश मंत्री के घर पर हमला हुआ और आश्चर्य है कि हमले के दौरान इंफाल में कर्फ्यू लगा हुआ था और राज्य में उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश जारी किए गए थे लेकिन इसके बावजूद भीड़ मंत्री के घर तक पहुंच गई और उस दौरान मंत्री के 9 निजी सुरक्षाकर्मी, 5 सिक्योरिटी गार्ड्स और 8 अतिरिक्त गार्ड मंत्री के घर पर सुरक्षा के लिए तैनात थे।एक सुरक्षाकर्मी के मुताबिक, भीड़ ने चारों दिशाओं से घर पर हमला किया और एक के बाद एक करते हुए कई पेट्रोल बम फेंके जिससे घर में हर तरफ आग लग गई।एस्कॉर्ट कमांडर के मुताबिक, वे भी इस घटना को नहीं रोक सके।आज मणिपुर में डबल इंजन की सरकार है और कानून व्यवस्था फेल हो गया है। आज जो भी दो समुदाय के बीच सांप्रदायिक आग लगाई गई है उसका नतीजा सबों के सामने
मणिपुर में भाजपा कार्यालय भी फूंका!
सीबीआई-ईडी के दम पर सरकार चलाने वाले प्रधानमंत्री संसद में बोलें, “एक अकेला सब पर भारी” और डेढ़ महीने से जल रहे मणिपुर को बचाना तो दूर, एक शब्द न बोलें, स्थानीय नेताओं से ने मिलें, राज्य में सत्तारूढ़ दल के नेताओं के घर जला दिये जाएं और अब पार्टी कार्यालय भी गया तो आपका भारी होना किस काम का? वैसे भी, सीबीआई – ईडी तो आप छोड़ेंगे नहीं। सिर्फ सुरक्षा छोड़कर देखेंगे? कितनों पर भारी हैं? ये इसलिए कह रहा हूं कि आपकी सरकार ने दूसरों की सुरक्षा कम कर दी है, नहीं दी है।