7 जुलाई को गुजरात हाईकोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की उस पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें सूरत की अदालत के फैसले पर रोक लगाने की मांग की गई थी। मोदी सरनेम वालों को चोर कहने पर राहुल गांधी के खिलाफ भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। इस मुकदमे में ही सूरत की अदालत ने राहुल गांधी दो वर्ष की सजा सुनाई। इस सजा के बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता को रद्द कर दिया गया तथा उनसे सरकारी बंगला भी खाली करवा लिया गया सूरत की अदालत के फैसले पर रोक लगाने के लिए ही राहुल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। राहुल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी का कहना था कि राहुल पर मानहानि का केस बनता ही नहीं है, लेकिन फिर भी कोर्ट अधिकतम दो वर्ष की सजा सुनाई है। सिंघवी ने राहुल के बयान को राजनीतिक बयान बताया। लेकिन सात जुलाई को हाईकोर्ट ने वकील सिंघवी के सभी तर्क को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि राहुल गांधी एक जिम्मेदार राजनेता है, इसलिए उन्हें सोच विचार कर बोलना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि सूरत की अदालत की सजा के बाद भी राहुल गांधी ने वीर सावरकर को लेकर प्रतिकूल टिप्पणी की। अब सावरकर के पोते ने भी राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत दी है। कोर्ट ने कहा कि राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि के सख्त आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं। ऐसे में राहुल गांधी को कोई राहत नहीं दी जा सकती है। अलबत्ता कोर्ट ने कहा कि सूरत की स्थानीय अदालत के फैसले के विरुद्ध राहुल ने सेशन कोर्ट में एक याचिका दायर की है, उस पर सुनवाई जारी रहेगी। हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब राहुल गांधी के 2024 में लोकसभा चुनाव लडऩे पर भी प्रश्न चिन्ह लग गया है? कानून के मुताबिक जिस व्यक्ति को दो वर्ष की सजा हो जाती है वह अगले छह वर्ष तक कोई भी चुनाव नहीं लड़ सकता है। चूंकि हाईकोर्ट ने निचली अदालत की सजा पर रोक नहीं लगाई है इसलिए चुनाव न लड़ने वाला प्रतिबंध राहुल गांधी पर रहेगा। यहां यह उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी ने 2019 में चुनाव प्रचार के दौरान कर्नाटक की एक सभा में ललित मोदी, नीरव मोदी और नरेंद्र मोदी के नाम का उल्लेख कर यह जानना चाहा कि मोदी सरनेम वालो चोर क्यों हैं? इस बयान को मानहानि मानते हुए ही पूर्णेश मोदी ने सूरत में राहुल गांधी के खिलाफ मामला दर्ज कराया था।
गुजरात हाईकोर्ट का फैसला आते ही कांग्रेस ने न्यायपालिका पर हमले शुरू कर दिए हैं। कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि राहुल गांधी ने उद्योगपति गौतम अडानी के बेनामी दो हजार करोड़ रुपए के निवेश का मामला उठाया था, इसलिए उन्हें लोकसभा में जाने से रोका जा रहा है। कांग्रेस का आरोप रहा कि नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में देश की संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग हो रहा है। कांग्रेस के नेताओं का यह भी कहना रहा कि सांसद नहीं होने के बाद भी राहुल गांधी को देश भर में जन्म समर्थन मिल रहा है। राहुल ने हाल ही में हिंसा ग्रस्त मणिपुर का दौरा किया, तो लोगों ने आगे आकर राहुल गांधी के सामने अपनी समस्याओं को रखा। इससे प्रतीत होता है कि देश की जनता राहुल गांधी को अपना नेता मानती है। नेताओं का कहना रहा कि गुजरात हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी। राहुल गांधी अपने संवैधानिक अधिकारों का उपयोग करेंगे। ऐसा प्रतीत होता है कि कांग्रेस के नेताओं को हाईकोर्ट के इस फैसले का अंदाजा था, इसलिए फैसला आने से पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय और प्रादेशिक कार्यालय में कार्यकर्ताओं की भीड़ जमा हो गए थी। फैसला आते ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध शुरू कर दिया।
Author: cnindia
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