जन विश्वास उपबंधों का संशोधन विधेयक 2023 के लिए लोकसभा ने गुरुवार को को मंजूरी दे दी। इसमें कारोबार सुगमता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 42 अधिनियमों के 183 प्रविधानों में संशोधन कर छोटी-मोटी गड़बड़ियों को अपराध की श्रेणी से हटाने का प्रस्ताव किया गया है। निचले सदन ने संक्षिप्त चर्चा के बाद इस विधेयक को ध्वनिमत से स्वीकृति ल दी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 12 जुलाई को इस विधेयक को मंजूरी दी थी। इसके साथ ही लोकसभा ने 76 पुराने और अप्रचलित कानूनों को निरस्त करने के लिए ‘निरसन एवं संशोधन अ विधेयक 2022 को भी मंजूरी दे दी है। सरकार ने कहा कि यह कदम व जीवन और व्यापार करने में आसानी के लिए उसके निरंतर प्रयासों का दे हिस्सा है।जन विश्वास विधेयक पेश करते हुए वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि कई प्रविधानों को अपराधमुक्त करने से कारोबार में आसानी होगी। उल्लेखनीय है कि जन विश्वास विधेयक पारित होने से कई प्रविधानों में अब जेल की सजा नहीं होगी और कारोबारी जुर्माना देकर बच सकेंगे। कई मामलों में जुर्माना लगाने के लिए अदालती कार्यवाही की जरूरत नहीं होगी। कई बार छोटी-मोटी गलती के कारण कारोबारियों को अदालतों का चक्कर लगाना पडता था।
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