टप्पल क्षेत्र के गांव पालर में छेड़खानी के मुकदमे के गवाह की चाकुओं से गोदकर हत्या के बीस वर्ष पुराने मामले में दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। यह फैसला एडीजे प्रथम मनोज कुमार अग्रवाल की अदालत से सुनाया गया है। साथ में एक आरोपी को बरी किया गया है। अभियोजन अधिवक्ता एडीजीसी जेपी राजपूत के अनुसार घटना 21 अप्रैल 2003 को शाम छह बजे की है। वादी मुकदमा विशंभर सिंह के अनुसार उनका चचेरा भाई सत्यपाल गांव में एक छेड़खानी के मुकदमे में गवाह था। उसे गवाही से पीछे हटने के लिए धमकियां मिल रही थीं। इन्हीं धमकियों के क्रम में घटना वालीशाम जब वह दूध कढ़वाने आरोपियों के मोहल्ले में गया तभी उसे घेरकर चाकुओं से हमला कर दिया। जिससे गंभीर चोट आने पर उसकी अस्पताल में मौत हो गई। मामले में नामजद दिनेश, शिवकुमार, वीरेंद्र के खिलाफ दर्ज मुकदमे के आधार पर चार्जशीट दायर की गई। न्यायालय में सत्र परीक्षण के दौरान शिवकुमार की मृत्यु हो गई ! अदालत ने साक्ष्यों व गवाही के आधार पर दिनेश को दोषी करार देते हुए उम्रकैद व 15 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। वहीं वीरेंद्र को संदेह के आधार पर बरी किया है। एडीजीसी के अनुसार वीरेंद्र को बरी करने के फैसले का अध्ययन कर अपील दायर करेंगे।
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