हम भ्रष्टन के और भ्रष्ट हमारे’ यह है स्वघोषित राष्ट्रवादी हिंदू राजनेता की व्यावहारिक राजनीति। उन्होंने अपनी पार्टी को देश के छंटे हुए भ्रष्टाचारियों, हत्यारों, बलात्कारियों तथा अनैतिक लोगों का जमावड़ा बना दिया है। उनकी यह पार्टी कभी जनता को चाल, चरित्र और चेहरा स्वच्छ रखने का संदेश देती थी।लेकिन आज उसका पतन इस स्तर तक हो गया है कि वह अब ऐसे कुकर्मियों की वाशिंग मशीन बना दी गई है कि बड़े से बड़ा अपराध करने वाले अब उसका कंठहार हैं। उसके स्वर्ण पदक हैं, जिन्हें मामा शकुनि की तरह पांसे फेंककर जुए में जीता गया है।उसके शिखर पुरुष एक ओर कहते हैं कि एक भी भ्रष्टाचारी को छोड़ा नहीं जाएगा और अगले ही दिन ऐसे व्यक्ति को पार्टी में शामिल कर लेते हैं जिसे कुछ ही दिनों पहले वे स्वयं 70 हज़ार करोड़ रुपए का घोटालेबाज बता रहे थे।
![cnindia](https://cnindia.in/wp-content/uploads/2023/04/l-1.png?d=https://cnindia.in/wp-content/plugins/userswp/assets/images/no_profile.png)
Author: cnindia
Post Views: 2,580