एक देश एक चुनाव को लेकर कमेटी भी गठित की गई है। इसकी अध्यक्षता देश के पूर्वराष्ट्रपति रामनाथ केविंद कर रहे हैं। इस कमेटी में अमित शाह और गुलाम नबी आजाद सहित कई दिग्गज शामिल है। इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने कई मुद्दों पर खुलकर केंद्र सरकार का पक्ष रखा है। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत की जी20 अध्यक्षता से कई सकारात्मक प्रभाव पड़े हैं। कुछ मेरे दिल के बहुत करीब हैं। साथ ही पीएम मोदी ने यह भी कहा है कि विकसित भारत में जातिवाद, भ्रष्टाचार और सांप्रदायिकता का कोई स्थान नहीं होगा। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का मानना है कि भारत की प्रगति कोई दुर्घटना नहीं, बल्कि तैयार किए गए रोडमैप का परिणाम है। सबसे पिछड़े और उपेक्षित लोगों को संबोधित करने का हमारा घरेलू दृष्टिकोण भी वैश्विक स्तर पर हमारा मार्गदर्शन कर रहा है। दुनिया के सामने महंगाई की प्रमुख समस्या है। हमारी जी20 अध्यक्षता ने यह मान्यता दी कि एक देश में महंगाई विरोधी नीतियां दूसरों को नुकसान नहीं पहुंचाती हैं। भारत की जी20 की अध्यक्षता ने तथाकथित तीसरी दुनिया के देशों में भी विश्वास के बीज बोए हैं। रेवड़ी कल्चर का विरोध करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि गैर-जिम्मेदार वित्तीय नीतियां, लोक लुभावन अल्पकालिक राजनीतिक परिणाम दे सकते हैं। लेकिन लंबी अवधि में इसकी बड़ी सामाजिक और आर्थिक कीमत चुकानी पड़ सकती है। साथ ही उन्होंने कहा कि सबसे गरीब और सबसे कमजोर लोग गैर-जिम्मेदार वित्तीय नीतियों और लोक लुभावन वादे से सबसे अधिक पीड़ित हैं।