आपको बता दें की लगातार हो रही बारिश के चलते जर्जर मकान की दीवाल गिरने से लगभग 37 वर्षीय युवक ने अपनी जान गवा दी। यह मामला अमेठी जनपद की सदर तहसील गौरीगंज के जामो ब्लाक अंतर्गत ग्रामसभा मवई के पूरे चमारन का है जहां पर दलित राम सजीवन पुत्र विश्वनाथ निवास करते थे। ग्रामीण बताते हैं कि समय-समय पर बीमारी की चपेट में आने के कारण राम सजीवन के माता-पिता पत्नी पुत्र पुत्री सभी अकाल काल के गाल में समा गए। ऐसे में सिर्फ राम सजीवन ही बचा था। जो किसी तरह से अपने टूटे हुए घर की दीवाल पर टीन शेड रखकर गुजर बसर करता था। लोग बताते हैं कि पूरे ग्राम सभा में राम सजीवन सबसे गरीब व्यक्ति होने के बावजूद आज तक इसको किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल सका। यहां तक की इसके पास मकान नहीं था मकान के नाम पर सिर्फ एक कच्ची दीवार थी जिस पर टीन शेड रखकर यह गुजारा करता था। इसके बावजूद इसको प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ स्थानीय अधिकारियों कर्मचारियों एवं जनप्रतिनिधियों की अनदेखी के चलते नहीं मिल सका। जिसके कारण रविवार की रात में जब राम सजीवन टीन शेड के नीचे सो रहा था तभी बारिश होने के चलते कच्ची दीवार ढह गई और राम सजीवन की उसी दीवार के नीचे दबकर दर्दनाक मौत हो गई। इस बात का किसी को पता भी नहीं चला, जब सुबह हुई और लोग उठकर नित्य क्रिया हेतु के लिए जाने लगे तब लोगों ने देखा कि उसकी दीवार गिरी हुई है और ग्रामीणों ने एकत्रित होकर जब मिट्टी हटाई तब लोगों के होश उड़ गए मिट्टी के नीचे चारपाई पर 37 वर्षीय राम सजीवन मरा पड़ा था। आनन-फानन में ग्रामीणों ने इसकी सूचना पुलिस और राजस्व विभाग को दी मौके पर पहुंची पुलिस ने लाश को कब्जे में लेकर पंचायतनामा भरते हुए पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। लेकिन कहीं ना कहीं प्रशासनिक उदासीनता के चलते आज इस परिवार का अंतिम चिराग भी बुझ गया। वहीं मौके पर मौजूद उसके चाचा दादा के परिवार वालों ने सरकार सहित शासन प्रशासन से मृतक राम सजीवन के अंतिम संस्कार हेतु मदद की गुहार लगाई है । उन लोगों का कहना है कि हम लोग बहुत गरीब आदमी है किसी तरह से कमाते खाते हैं और बच्चों का पेट भरते हैं। हम लोगों के पास पैसे नहीं हैं ऐसे में शासन प्रशासन और सरकार हमारी मदद करें जिससे हम उसका अंतिम संस्कार कर सकें।