बाराबंकी- भ्रष्टाचार में जड़ तक डूबा पुलिस प्रशासन व सरकारी व्यवस्था के अन्य अंग किस तरह अपनी जिम्मेदारियों से बचने का शिगूफा ढ़ंूढ़ते है यह तो रामसनेहीघाट नगर पंचायत प्रशासन के बहानों में साफा नजर आ रहा है। जहां सरकारी जमीन पर अवैध रूप से जबरन हो रहे अतिक्रमण की सूचना देने पर नगर पंचायत प्रशासन शिकायत न होने का बहाना बनाता नजर आया। तो यही कुछ हाल तहसील प्रशासन का भी रहा कि एक तरफ बाहुबली सियासत में पहुंच वाले जमीनों पर अतिक्रमण कर तमाम नियम कानूनों को दरकिनार कर सरकारी जमीनों पर अवैध निर्माण करा कब्जा कर रहे हैं तो कई बार खबर छपने, कई समाजसेवियों की शिकायत पर भी कार्रवाई तो दूर संज्ञान तक लेने में जिम्मेदार हिचकिचाते नजर आ रहे हैं। हद तो यह है कि इसी तरह के एक मामले में जेदपुर में तालाब की जमीन पर अवैध कब्जे की शिकायत करने वाले पर तो वहां की नई नवेली एसडीएम ने तो उल्टा ही उसकी पुश्तैनी जमीनों पर ही सरकारी ताकत का दुरूपयोग करते हुए झमेला खड़ा कर दिया था जिसको लेकर उसे अदालत की शरण तक में जाना पड़ा लेकिन मैडम का बाल भी बांका ना हो इसको लेकर जिला स्तरीय अधिकारी भी पत्रकार पर दबाव बनाते दिखे। बता दें नगर पंचायत रामसनेहीघाट के हैदरगढ़ रोड भिटरिया पुराने सचिवालय बनी कोडर के पीछे बने हुए कोटेदार मोहम्मद यासीन घर के पश्चिम पड़ी हुई करोड़ की कीमती जमीन पर भिटरिया गांव के ही अराजक तत्वो द्वारा अबैध तरीके से पिलर डालकर पक्का निर्माण मंगलवार से जारी कर दिया गया है जबकि बुद्धिजीवी वर्ग ने इस अबैध निर्माण की सूचना उप जिलाधिकारी राम आसरे वर्मा व अधिशासी अधिकारी धीरज कुमार सिंह सहित आला अधिकारियों को सूचित किया गया कि जिस के द्वारा निर्माण किया जा रहा है इस व्यक्ति का उस जमीन से कोई सरोकार नहीं है वह खाली पड़ी हुई जमीन हैं जिस पर अवैध तरीके से पिलर डालकर निर्माण जारी है वही नगर पंचायत अधिकारियों ने शिकायत पर लिखित शिकायत की मांग कर रहे हैं ताकि उसे खंगाला जाए कि यह कैसी जमीन है वहीं उप जिलाधिकारी स्पष्ट कह रहे हैं यह आबादी की जमीन है तो सवाल यह उठता है की आबादी की जमीन में ऐसे कोई कब्जा जहाँ चाहे कर लेगा यह कैसा तरीका कोई बगैर स्वामित्व के निर्माण कर लेगा क्योंकि इस का पट्टा भी नहीं है जमीन पर इस तरह से पूरी तरह से काबिज जैसे बैनामा हो पीलर डालकर निर्माण कर रहे हैं फिर भी अभी तक इन्हें रोका नहीं जा सका स्थिति यह बनती जा रही हैं कि जहां मौके पर लेखपाल नगर पंचायत सहित पुलिस की संयुक्त टीम पहुंचकर इस समय निर्माण कार्य को अभी तक नहीं रोकवाया गया है। इसे जनता जनार्दन में एक संदेश जा रहा है कि जो जहां चाहे जैसे पाए वह नगर पंचायत की जमीन पर कब्जा कर ले। मामले को लेकर क्षेत्र के प्रबुद्धजनों ने जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार से तक शिकायत की हुई है लेकिन कोई असर दिखाई नहीं दे रहा है। जिससे समझ में नहीं आ रहा कि भ्रष्टाचार कहां तक सरकारी सिस्टम में घुसा हुआ है। बता दें कि डीएम साहब पर पुराने भूमाफिया बनाम दूसरा चोला ओढ़े लोगों से बेहतर संबंध को लेकर पूर्व में भी जनसंदेश लिख चुका है।