:पौष मास की पूर्णिमा 13 जनवरी को
पूर्णिमा पर तीर्थ यात्रा करने की परंपरा, जानिए 5 ऐसी जगहें जहां इस पौष पूर्णिमा पर जा सकते हैं
पौष मास की पूर्णिमा सोमवार, 13 जनवरी को है। इस पर्व का महत्व काफी अधिक है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और तीर्थ यात्रा करने की परंपरा है। मान्यता है कि पौष पूर्णिमा पर की गई तीर्थ यात्रा से अक्षय पुण्य मिलता है और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। जानिए 5 ऐसी जगहों के बारे में जहां पौष पूर्णिमा पर जा सकते हैं
1. प्रयागराज त्रिवेणी संगम, उत्तर प्रदेश
इस समय प्रयागराज में कुंभ मेला लगने जा रहा है। पौष पूर्णिमा पर त्रिवेणी संगम में स्नान का महत्व काफी अधिक है। कुंभ और पौष पूर्णिमा के संयोग में यहां स्नान के लिए करोड़ों भक्त पहुंचेंगे। प्रयागराज में गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम है। प्रयागराज जंक्शन तक पहुंचने के लिए सभी बड़े शहरों से कई ट्रेन चल रही हैं। अगर आप वायु मार्ग से आते हैं तो प्रयागराज में एयरपोर्ट भी है। सड़क मार्ग से आना चाहते हैं तो भी यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है। यहां के करीबी बड़े शहर लखनऊ और वाराणसी (काशी) हैं।
2. हरिद्वार, उत्तराखंड
शास्त्रों में हरिद्वार का काफी अधिक महत्व बताया गया है। हरिद्वार का जिक्र कई शास्त्रों में हैं। यहां गंगा नदी का प्रसिद्ध घाट हर की पौड़ी है। पौष पूर्णिमा पर हरिद्वार में गंगा स्नान के लिए लाखों भक्तों पहुंचते हैं। हरिद्वार रेल, वायु और सड़क मार्ग से देश के सभी बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है।
3. वाराणसी ,काशी, उत्तर प्रदेश
वाराणसी यानी काशी में विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग स्थित है, इसी शहर में विशालाक्षी शक्तिपीठ भी है। काशी में गंगा नदी बहती है। गंगा नदी स्नान और काशी विश्वनाथ के साथ ही देवी शक्ति के दर्शन-पूजन के लिए पौष पूर्णिमा पर यहां आ सकते हैं। वाराणसी रेल, वायु और सड़क मार्ग से देश के सभी बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है। यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है।
4. उज्जैन, मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, हरसिद्धि शक्तिपीठ के साथ ही शिप्रा नदी है। पौष पूर्णिमा पर शिप्रा नदी में स्नान के बाद महाकालेश्वर और देवी हरसिद्धि के दर्शन कर सकते हैं। उज्जैन से करीब 150 किमी दूर ऊँकारेश्वर ज्योतिर्लिंग भी स्थित है। यहां भी दर्शन-पूजन के लिए पहुंच सकते हैं। उज्जैन रेल और सड़क मार्ग से सभी बड़े शहरों से जुड़ा है। यहां का करीबी एयरपोर्ट इंदौर में है। इंदौर से उज्जैन की दूरी करीब 50 किमी है। इंदौर से बस और टैक्सी की मदद से उज्जैन पहुंच सकते हैं।
5. गया, बिहार
बिहार के गया तीर्थ का महत्व काफी अधिक है। ये तीर्थ विष्णुपद मंदिर और फल्गु नदी की वजह से प्रसिद्ध है। माना जाता है कि यहां किए गए श्राद्ध, तर्पण से पितरों को तृप्ति मिलती है, पितरों को मोक्ष मिलता है। पौष पूर्णिमा पर यहां दर्शन-पूजन और स्नान के लिए पहुंच सकते हैं। गया शहर रेल, वायु और सड़क मार्ग से देश सभी बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है, यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है।
Author: cnindia
Post Views: 2,368