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बाल विवाह होने की दें तत्काल सूचना

जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह ने जन-मानस से अपील की है कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम-2006 के अन्तर्गत बाल विवाह एक दण्डनीय अपराध है किसी भी बालिका जिसने अपनी आयु 18 वर्ष पूर्ण न की हो एवं ऐसे बालक जिसने अपनी आयु 21 वर्ष पूर्ण न की हो का विवाह कराया जाना प्रतिबन्धित है। समाज में व्याप्त अंधविश्वास एवं रूढीवादी परम्परा के कारण समाज के कुछ अभिभावक एवं संरक्षकों द्वारा अपने पुत्र-पुत्रियों की शादी अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर पावन एवं शुभ मानकर की जाती है।डीएम ने बताया कि इस अधिनियम के अनुसार बाल विवाह अधिनियम तथा पोक्सो एक्ट के तहत कार्यवाही की जायेगी जिसमें सजा व अर्थदण्ड दोनों का प्रावधान है। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के प्रावधानों के अन्तर्गत बाल विवाह कराने वाले व्यक्ति एवं अनुष्ठान करने वाले व्यक्तियों के लिए 02 वर्ष का कठोर कारावास एवं 01 लाख रू0 जुर्माने का प्रावधान है। बाल विवाह कराने पर सम्मलित होने वाले व्यक्तियों के विरूद्व कानूनी कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि बाल विवाह एक सामाजिक कुरीति है जिसके शारीरिक एवं मानसिक रूप से गम्भीर दुष्प्रभाव होते हैं। जिला प्रोबेशन अधिकारी स्मिता सिंह ने बताया कि अक्षय तृतीया (आखा तीज) के अवसर पर बाल विवाह करने की रूढ़िवादी परम्परा समाज में प्रचलित है। वर्ष 2023 में अक्षय तृतीया 22 अप्रैल को पड़ रही है। उन्होने आमजन से अपील की है कि बाल विवाह जैसी कुरीति पर प्रभावी अंकुश के लिए बाल विवाह जैसी घटना के संज्ञान में आने पर इसकी सूचना स्थानीय पुलिस स्टेशन चौकी एवं जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय में दे सकते है। इसके अतिरिक्त दूरभाष नं0 पर 112, 181, 1098 एवं प्रबन्धक वन स्टॉप सेन्टर पर अवश्य दें ताकि बाल विवाह को रोकने की कार्यवाही सुनिश्चित की जा सके। जिला प्रोबेशन अधिकारी ने बाल विवाह जैसे आयोजनों में सहभागिता, सहयोग करने वाले व्यक्तियों को सचेत किया है कि बाल विवाह आयोजन में सम्मिलित व्यक्तियों के विरूद्व नियमानुसार कानूनी कार्यवाही की जायेगी। वैवाहिक आयोजन कराने वाले प्रिन्टिंग प्रेस टेन्ट व्यवसायी, मैरिज हॉल, बैण्ड बाजा, कैटर्स, फोटोग्राफर, पुरोहित, मौलवी इत्यादि व्यक्तियों एवं संस्थाओं से भी अपेक्षा की है कि वैवाहिक आयोजन से पूर्व यह सुनिश्चित कर लें कि वह वधु की आयु 18 वर्ष एवं वर की आयु 21 वर्ष से कम न हो। आमजन तथा अभिभावकों से अपील की है कि बाल विवाह के कारण शारीरिक एवं मानसिक दुष्प्रभावों के मदृेनजर रखते हुए बालिका की शादी 18 वर्ष तथा बालक की शादी 21 वर्ष से पूर्व कदापि न करें।

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Author: cnindia

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