परोपकार सामाजिक सेवा संस्था द्वारा गांव तोछीगढ़ में मां भारती के सच्चे सुपुत्र क्रांतिकारी पंडित रामप्रसाद बिस्मिल की 126वीं जयंती मनाई गई। युवाओं ने देश पर अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले बलिदानियों की शौर्य गाथाएं सुनाईं। अध्यक्ष जतन चौधरी ने कहा कि बिस्मिल की प्रसिद्ध रचना सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है आज भी भारतवासियों के दिलों में देशप्रेम के भाव जागृत करती है। उन्होंने मैनपुरी कांड और काकोरी कांड को अंजाम दिया था। बिस्मिल को गोरखपुर जेल में 19 दिसंबर 1927 को फांसी दी गई थी। इस अवसर पर राहुल सिसौधिया, प्रशांत ठैनुआं, गुड्डू सिंह, निर्मल जीत, अमित ठैनुआं, करन ठैनुआं, सूरज, डब्बू शर्मा, रिषभ प्रताप सिंह, प्रियांशु ठैनुआं, दीपक ठैनुआं आदि थे।
Author: cnindia
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