बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मेजबानी में 23 जून की विपक्षी एकता मीटिंग सेपहलेआरजेडी और जेडीयूगठबंधन के दलों के बीच सीट बंटवारेका एक फॉर्मूला तैयार करके बैठी हैजिससेआपस मेंझगड़ा ना हो। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाले आरजेडी-जेडीयू महागठबंधन की पहल पर विपक्षी एकता में साथ आ रही पार्टियों को 2024 के लोकसभा चुनाव में लड़नेके लिए मनमाफिक सीटें मिलना आसान काम नहीं होगा बल्कि सबको बहुत जटिल गुणा -गणित पर खरा उतरना होगा। ये फॉर्मूला ऐसा-वैसा नहीं है बल्कि इसेएक बार 1977 में आजमाया जा चुका है। जनता पार्टी ने 1977 में इसी फॉर्मूले से घटक दलों के बीच सीट का बंटवारा किया था जिससे लोकसभा चुनाव में इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस की करारी हार हुई थी। अब उसी फॉर्मूले को 2024 के चुनाव में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी के खिलाफ भाजपा विरोधी विपक्षी दलों की गोलबंदी में अमल लाने की योजना है। महागठबंधन के सूत्रों नेइस फॉर्मूलेके 23 जून की मीटिंग में प्रस्तावित होनेकी खबर दी है।