कोठी, बाराबंकी। कोठी थाना क्षेत्र के अंतर्गत सिद्धौर ब्लाक के ग्राम पंचायत मझिंयावा गांव में बंजर की भूमि पर कब्जा कर अतिक्रमण करने वाले कब्जेदार ना तो प्रधान के द्वारा प्रस्ताव बनाया गया और ना ही शासन के द्वारा नोटिस भेजी गई। फिर भी नायब तहसीलदार की अगुवाई में पुलिस व राजस्व की टीम ने कब्जा हटाया।
जानकारी के अनुसार आपको बताया जा रहा है कि कोठी थाना क्षेत्र के सिद्धौर ब्लाक कीग्राम पंचायत मझिंयावा में गाटा संख्या 194 पर जल जीवन मिशन के तहत पानी की टंकी का निर्माण होना था। इसी जमीन पर गांव के रहने वाले अब्दुल कलाम उर्फ मंगू पुत्र वाहिद खा का कई वर्षों से पुराना कब्जा था अब्दुल कलाम उसी में अपने जीवन यापन करने के लिए पालेश्वर लगा रखा था। गुरुवार को नायब तहसीलदार आकाश संत की अगुवाई में जब कब्जा खाली कराने गए तो अब्दुल कलाम को पता चला। उसके प्रतिकार करते हुए राजस्व अधिकारी नायब तहसीलदार को बताया भी कि ना तो उसने कोई प्रधान के द्वारा प्रस्ताव बनवाया और ना ही उसे कार्यवाई के संदर्भ में कोई सूचना ही प्राप्त हुई। भुक्तभोगी की मानें तो उसका पुराना कब्जा उस जमीन पर है। लेकिन नायब तहसीलदार ने पीड़ित की बातों को दरकिनार करते हुए एक पक्षीय कार्रवाई करते हुए सारे कायदे कानून दरकिनार कर दिए।
गंजरिया ग्राम पंचायत के ग्रामीणों का भी कहना है की राजस्व की टीम ने उनकी सरहद मजरे देवगहना में नाप कर सीमांकन करा दिया है। जबकि भानु गुट के किसान नेता दुर्गा सिंह का कहना है कि राजस्व विभाग की टीम द्वारा भ्रष्टाचार में ग्राम पंचायत में गलत नापकर सीमांकन करा दिया गया है। इसलिए ग्रामीणों ने एसडीएम हैदरगढ़ से गुहार लगाने की बात कही है।
जबरन कब्जा खाली कराने पहुंची राजस्व विभाग की टीम में राजस्व निरीक्षक रामसेवक वर्मा, लेखपाल राहुल कनौजिया, अजय नारायण, जूही सिंह, उपनिरीक्षक अशोक कुमार, रामसमुझ यादव आदि मौजूद रहे जिन्होंने कब्जा हटवाया जिसपर पीड़ित ग्रामीण दावा करता रहा कि उसका पुराना कब्जा है।
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