बाराबंकी। उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ की मंशानुरूप एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वाधान में तथा अध्यक्षध् जनपद न्यायाधीश रवीन्द्र नाथ दूबे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिवध् अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीमती नाजनीन बानो की अध्यक्षता में राजकीय बालिका इण्टर कॉलेज महिला सशक्तीकरण एवं बालिकाओं के अधिकार व पाक्सो अधिनियम पर विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का शुभारम्भ मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया गया। मंच का संचालन दीपशिखा त्रिपाठी के द्वारा किया गया।श्रीमती नाजनीन बानो के द्वारा पाक्सो एक्ट से संबंधित जानकारी देते हुये बताया गया कि महिला एंव बाल विकास मंत्रालय द्वारा साल 2012 में पाक्सो एक्ट-2012 के नाम से किया गया था। 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों के साथ किसी भी प्रकार से सैक्सुअल शोषण करने वाले व्यक्ति पर इस एक्ट के तहत कार्यवाही की जाती है। इस कानून का निर्माण नाबालिग बच्चों के साथ हो रहे यौन उत्पीड़न, यौन शोषण, पोर्नोग्राफी और छेड़छाड़ के मामलों को रोकने के लिए किया गया था। इसके अतिरिक्त बालिकाओं को शिक्षा की महत्व के बारे बताया गया कि शिक्षा ही हमें सही गलत, न्याय अन्याय में फर्क सिखाती है, शिक्षा के जरिये ही अच्छे भविष्य का निर्माण किया जा सकता है और समाज की कुरीतियों को दूर किया जा सकता है।जिला विघालय निरीक्षक ओ.पी. त्रिपाठी, द्वारा बालिकाओं मौलिक अधिकारो एवं मौलिक कर्तव्यों के बारे विस्तृत रूप से बताया गया। इसके अतिरिक्त आजादी का अमृत महोत्सव अभियान के अन्तर्गत शिविर में उपस्थित सभी लोगो को अमृत काल के पंच प्रण की शपथ दिलाई गई।इस अवसर पर ओ0पी0 त्रिपाठी, जिला विघालय निरीक्षक, श्रीमती पूनम सिंह प्रधानाचार्या, राजकीय बालिका इण्टर कॉलेज, श्रीमती नमिता पंकज रिसोर्स पर्सन एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर सौरभ शुक्ला कनिष्ठ लिपिक, मोहित प्रजापति के अतिरिक्त विघालय की छात्राएं उपस्थित रही।