जेनेवा में हुई बैठक में डब्ल्यूएचओ के अधिकारियों ने कहा है कि अभी तक एरिस स्ट्रेन के बहुत अधिक साक्ष्य सामने नहीं आए हैं। इसलिए फिलहाल इसे गंभीर स्ट्रेन नहीं माना जा सकता है। कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट से निकले एरिस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पड़ताल शुरू कर दी है। फिलहाल डब्ल्यूएचओ ने इसे वैरिएंट ऑफ इंट्रेस्ट की श्रेणी में शामिल किया है। जानकारी मिली है कि बीते अप्रैल से अब तक भारत सहित दुनिया के कई देशों में कोरोना के नए एरिस वैरिएंट की पहचान हुई है जिसे ईजी.5 नाम से जाना जाता है। एरिस वैरिएंट को शोधकर्ताओं ने ईजी 5.1 नाम दिया है, सबसे पहले जुलाई में इसकी पहचान की गई थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने यूके सहित सभी देशों को सतर्क रहने और कोविड संबंधी उचित व्यवहार का पालन करने की सलाह दी है। अध्ययनकर्ताओं का कहना है कि वायरस में जारी म्यूटेशनों के कारण गंभीर या संक्रामक वैरिएंट का जोखिम लगातार बना हुआ है, हमें इस दिशा में बेहद सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।
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