सूरतगंज, बाराबंकी। जनपद बाराबंकी की समिति बुढ़वल के ग्राम महादेवा में चीनी मिल हैदरगढ़ के क्षेत्रीय कार्यालय में लाल बहादुर शास्त्री गन्ना किसान संस्थान लखनऊ द्वारा एक किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया।
गोष्ठी को संबोधित करते हुए आई.आई. एस.आर. के मृदा वैज्ञानिक डॉक्टर आर आर वर्मा ने बताया कि प्रत्येक किसानो को अपनी मिट्टी की जांच अवश्य करानी चाहिए ताकि संतुलित पोषक तत्वों की पूर्ति करके हम कम खर्च से अपने गन्ने का उत्पादन बढ़ा सकें। उन्होंने किसानों को मृदा नमूना लेने की विधि विस्तार से समझाई।
गन्ना किसान संस्थान के विषय विशेषज्ञ अरुण कुमार नेकिसानों को बताया कि शरद कालीन गन्ना बुवाई का समय आ रहा है और किसान भाई शरद कालीन क्षेत्रफल बढ़ाएं ताकि उतनी ही लागत में 15 से 20ः अधिक पैदावार ले सकें और। शरद कालीन गन्ने की फसल में सहफसली खेती करके किसान अतिरिक्त आमदनी ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि शरदकालीन गन्ने में अंकुर बेधक कीट का प्रकोप भी नहीं होता है तथा जलभराव की स्थिति में भी गन्ने में कम नुकसान होता है। उन्होंने किसानों से आहवान किया कि चोटी बेधक कीट के नियंत्रण हेतु यांत्रिक एवम जैविक उपाय अपनाएं।ट्राईकोगामा परजीवी के 50000 अंडे प्रति हेक्टेयर की दर से 15 दिन के अंतराल पर 4 से 5 बार लगाने पर सभी बेधक कीटों का किसी नियंत्रण किया जा सकता है।
ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक दिलीप सिंह ने कहा कि गन्ना पर्यवेक्षकों द्वारा ग्रामवार सट्टा प्रदर्शन किया जा रहा है सभी किसान भाई अपने गन्ना क्षेत्रफल गन्ना प्रजाति एवं पौधा पेड़ी का मिलान कर लें ताकि गन्ना आपूर्ति में किसी प्रकार की असुविधा ना हो। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा संस्तुत गन्ना प्रजातियों की ही बुवाई करें तथा विभागीय योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ लें।
चीनी मिल हैदरगढ के सहायक गन्ना प्रबंधक उदय प्रकाश तिवारी ने किसानों को गन्ना आपूर्ति, सर्वे सट्टा तथा गन्ना बुवाई से लेकर कटाई तक चीनी मिल द्वारा समय-समय पर किसानों को दी जाने वाली तकनीकी सहायता एवं अनुदान आदि की जानकारी दी। प्रगतिशील किसान संतोष बाजपेई ने कहा कि किसान भाइयों को चाहिए कि अधिक से अधिक तकनीकी के प्रयोग से कम लागत में अधिक गन्ना उत्पादन लें, ताकि उनकी आमदनी भी बढ़ सके। उन्नतशील कृषक अतुल सिंह ने वैज्ञानिकों का आभार किया एवम पुनः गोष्ठी के आयोजन का आह्वान किया। गोष्ठी की अध्यक्षता गन्ना परिषद के पूर्व चेयरमैन भानुप्रताप सिंह ने की उन्होंने किसानों को नवीनतम प्रजातियों की बुवाई हेतु प्रेरित किया। गोष्ठी में बड़ी संख्या में किसानों ने भाग लिया।
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