हनुमानजी ने एक दिन उन्होंने सोचा की उनके भीतर बल तो बहुत है पर उस बल के सार्थक प्रयोग का ज्ञान भी आवश्यक है। बिना गुरु के ज्ञान नहीं हो सकता
हनुमानजी ने गुरु की तलाश प्रारम्भ की। गुरु की खोज करते हुए उन्हें पता चला की भगवान सूर्य नारायण सभी प्रकार के विद्याओ को जानते है और प्रदान करने में सक्षम है। अतः उन्होंने सूर्य नारायण को ही अपना गुरु बनाने का निश्चय किया।हनुमानजी द्वारा सूर्य से गुरु बनाने के लिए प्रार्थना:- हनुमानजी ने जैसे … Read more